Saturday, April 30, 2011

मै श्रमिक हूँ .....!!

जी हाँ ...मै श्रमिक हूँ
एक खानदानी श्रमिक !
श्रम करता जाता हूँ ...
अन्न-वस्त्र, मकान देता जाता हूँ
मेरा क्या है...
मेरी तो य़ू ही गुजर जाती है
लेकिन मेरे बाद क्या होगा..?
चिंता ना करे,
आ रहा है.. मेरा बेटा !!

( औरो क़े श्रम का उपभोग कर रहे....
......उनके लिए श्रमिक दिवस मना रहे !! )

Monday, April 11, 2011

आजादी.....


अपने आप पर, 
अपने आप क़े द्वारा 
लगाया गया बंधन !
किन्तु सभी में है, 
"स्व " की जकड़न !!

सिर्फ हमारी परम्पराओ, 
का है ये जायफल !
अथवा 
दीर्घकालीन संस्कारो 
से मिला हुआ फल !

नहीं जानता क्या मेरे पास, 
आया जब इस संसार में !
ये दिल, ये दिमाग, 
ये स्वभाव, ये अभाव
शायद आते गए, 
समय क़े साथ-साथ 
या फिर अपने-आप !!

हम/हमारा मस्तिष्क 
भारतीय दिमाग 
भूत से/वर्तमान तक 
अभी भी /आज तक 
अनधीनता का न कर विचार 
स्वाधीनता का रूप करता स्वीकार 

क्या हम कभी इस 
बंधन को तोड़ सकेंगे 
अथवा अपने ही आधीन 
रहते रहेंगे.....!!