Thursday, October 22, 2015

अनंत की ओर.............!!

क्या अंत है कहीं.....
इंसान की तमन्नाओं का !
न जाने क्यों, बढ़ती जाती है,
और जीने की तमन्ना
बढ़ती हुई उम्र के साथ-साथ....!!

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