Sunday, December 19, 2010

कमेन्ट...!!

वे, बार बार किये जा रहे थे, स्टेटस को अपडेट...!
बेचारे परेशां थे, किसी ने न दिया कोई कमेन्ट...!!
हमने उन्हें धीरज दिलाया ....!
खुशफहमी में जीना सिखलाया...!!
कमेन्ट लिखना भी है, एक आर्ट..!
हर कोई नहीं होता उतना स्मार्ट..!!
कमेन्ट नहीं लिखे जाते, केवल लिखने क़े लिए...!
बल्कि लिखे जाते है बात को आगे बढ़ाने क़े लिए....!!
कमेन्ट क़े लिए आवश्यक है एक चिंतन !
समयानुकूल एक.. गहरा आत्म-मंथन !!
यह नहीं है, कोई "लाईक" क्लिक की बटन
कि जब चाहा दबा दी....!!

6 comments:

  1. कमेन्ट लिखना भी एक कला है /सही बात है /
    आलोचना तो और भी कठिन ....
    आप बधाई के पात्र है बड़े भाई
    आपको नमन

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  2. बिलकुल सही बात कही दिनेश जी.

    कभी यहाँ भी आयें-
    http://jomeramankahe.blogspot.com


    सादर

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  3. आजी इतनी मेहनत से करे गर कोई पोस्ट....वाजिब है करे वो इंतजार करे कमेन्ट,...

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  4. बात में दम है दिनेश जी,
    यूं ही नहीं लिखा जाता कमेंट
    लाइक जैसा बटन नहीं है ये
    जरूरी है सिर्फ कमिटमेंट
    कैसा लगा बताने की जरूरत नहीं है, बस तुकबंदी कर डाली. वो पेपर की हेडिंग बनाते बनाते आदत पड़ गई है. वाकई अच्छा ब्लाग है.

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  5. कुछ न भी करते तो हम क्या कर लेते !
    कुछ तो कहा होता,
    कम से कम हम संतोष तो कर लेते !!

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