Sunday, January 16, 2011

किचन बनाम..रसोईघर


आजकल क़े किचन लोग बनाते है शानदार....
और फास्ट-फ़ूड में जाकर खाते है शान से.... !
घर में रसोई बनाने का अब वक़्त है नहीं,
गोल गप्पे और भेल खाने में बड़ा मजा आता है !
इतना कमा रहे है हम  काहे क़े लिए,
खाना बनाना अब एक  बोझ नज़र आता है  !


एक वक़्त था जब सब रसोई में थे बैठते,
और माँ देती जाती थी गरम- गरम रोटी !
आज तो बस ये आलम है कि क्या कहे...
गनीमत समझो गर मिल जाये खाने को रोटी !!

5 comments:

  1. बात तो आपकी सही है भाई,
    आजकल जिसे देखो वही पिज्जा खाने दौड़ा जा रहा है

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  2. That's very true...!
    Those days has gone.

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  3. aap ne aaj ke samaj mai chal rahi paripati ko sahi ukera hai ,aaj sunday ko hi nahi roj hotel ke aaje bhid dikhayi padti hai ,bchchho ko bhii maa ke hatho ka swad nahi bhata un ko bharat mai janm liye hai chaining chahiye .

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  4. इतना कमा रहे है हम काहे क़े लिए....?
    सही है....भाई !!

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  5. kaha gaye vo din???kya vo din vaapas ayenge!!!!!

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