Saturday, April 13, 2013

एक सुबह मेरी भी..........!!


उठते ही सुबह-सुबह, एक ही बात मन में आए !
हे भगवन, आज तो कही कोई काम मिल जाए !!

वरना, आज का दिन भी क्या पता कल जैसा ही चला जाएगा !
कल ही भूखा सोया था मुन्ना, आज भी कही वैसे ही सो जाएगा !!

मन में तो उठती है, आज भी बड़ी उमंग !
रहूँ खुशियों से भरपूर, मै भी सभी के संग !!

शून्य से रहा सदैव, मेरा बहुत निकट का नाता !
जब देखो तब, बेचारा बिन बुलाए है चला आता !!

किसी की सुबह, तो  होती है किसी और की शाम !
कुछ इसी तरह तो यारों, होती ये जिन्दगी तमाम !!

Sunday, February 10, 2013

जो है, सो है.........!!



जो है, मेरे जेहन में !
वही है, मेरे लेखन में !!

अच्छे बुरे की पहचान नहीं !
सच्चे झूठे का भी ज्ञान नहीं !!

छुपा नहीं पाता, दिल में आई बात को !
झुठलाता मै नहीं कभी, दिन और रात को !!

किसी के कहने से दिन को रात कहता नहीं !
अपनी बात कहने से फिर कभी मै डरता नहीं !!

कहूँगा हमेशा मै वही, जो मुझे कहना है !
नहीं किसी के डर से, मुझे चुप रहना है !!

लगे भले किसी को अच्छी या फिर बुरी !
कहूँगा लेकिन फिर भी, बात पूरी खरी !!

ले जाएँगा भला कौन किसी को, कहाँ से कहाँ !
जाना तो है छोड़ अंत दिन, अपना ये भी जहाँ !!

Tuesday, January 8, 2013

कासे कहूँ.....!!


देखता  हूँ 
रातों में 
जब तारों को !
सोचता हूँ 
तुम भी तो 
देखती होगी 
इन्ही तारों को !!

मिलन करती होगी 
मेरी और तुम्हारी दृष्टी 
उन तारों पर !
और, सुनाती होगी 
एक दूसरे को अपना 
मूक सन्देश !!

कितने भाग्यवान है,
ये तारे भी 
जो देख पाते है 
तुम्हें भी और 
मुझे भी !   
पर  कैसे अभागे 
है, हम दोनों 
जो नहीं देख पाते 
केवल, एक-दूसरे को !!