Sunday, February 10, 2013

जो है, सो है.........!!



जो है, मेरे जेहन में !
वही है, मेरे लेखन में !!

अच्छे बुरे की पहचान नहीं !
सच्चे झूठे का भी ज्ञान नहीं !!

छुपा नहीं पाता, दिल में आई बात को !
झुठलाता मै नहीं कभी, दिन और रात को !!

किसी के कहने से दिन को रात कहता नहीं !
अपनी बात कहने से फिर कभी मै डरता नहीं !!

कहूँगा हमेशा मै वही, जो मुझे कहना है !
नहीं किसी के डर से, मुझे चुप रहना है !!

लगे भले किसी को अच्छी या फिर बुरी !
कहूँगा लेकिन फिर भी, बात पूरी खरी !!

ले जाएँगा भला कौन किसी को, कहाँ से कहाँ !
जाना तो है छोड़ अंत दिन, अपना ये भी जहाँ !!

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