लोगो ने पाल रखी है,
एक गलतफहमी...!
न जाने क्यों बनता,
है हमसे इतना रहमी !!
कहते है वो कि,
बुढ़ापा होता है बड़ा ही दर्दनाक !
सोच लो पहले.. जरा अच्छे से ,
हमारे जैसा नहीं कोई खतरनाक !!
जो करे हमारी नाक में दम !
बाजुओ का दम हुआ कम
तो क्या हुआ, नहीं कोई गम !!
बालो को रंगते हुए आखिर,
हमने उड़ा ही दिया बालो को !
य़ू ही नहीं लैन में लगाया,
इतने सारे घर वालो को !!
अरे यारो, जरा रुकिए...
सोचिये, बुढ़ापे का वो आराम !
न कोई धंदा, न कोई काम
सब कामो से कर क़े राम राम !!
जिंदगी भर की गई,
नामुराद दौड़ धुप से राहत !
नहीं रह जाती बाकी,
अब किसी और की चाहत !!
बुढ़ापा तो होता है आपके,
जीवन का सुनहरा चौका !
और अपनी जिंदगी
ख़ुद क़े लिए जीने का
एक सुनहरा मौका......!!