क्या है तुम्हारी आज पहचान !
सारी दुनिया है तुमसे अन्जान !!
आज तुम पहचाने जाते हो....
केवल तुम्हारे अपने पिता क़े नाम से !
कुछ ऐसा कर जाओ कमाल कि,
पिता पहचाना जाये तुम्हारे नाम से !!
आज तो तुम नित नए दिन मनाते फिरते हो !
न जाने कब कहा उठते और कब गिरते हो !!
कितने भी दिन मना लो
आज ये दिन, कल फिर वो दिन !
नहीं मना पाओगे
३६५ से ज्यादा दिन !!
कभी इसके बिन...
कभी उसके बिन !!
सारी दुनिया है तुमसे अन्जान !!
आज तुम पहचाने जाते हो....
केवल तुम्हारे अपने पिता क़े नाम से !
कुछ ऐसा कर जाओ कमाल कि,
पिता पहचाना जाये तुम्हारे नाम से !!
आज तो तुम नित नए दिन मनाते फिरते हो !
न जाने कब कहा उठते और कब गिरते हो !!
कितने भी दिन मना लो
आज ये दिन, कल फिर वो दिन !
नहीं मना पाओगे
३६५ से ज्यादा दिन !!
कभी इसके बिन...
कभी उसके बिन !!
बहुत खूब सर!
ReplyDeleteबहुत उम्दा सर्!!!
ReplyDeleteVery nice.....!!
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