क्यों रखे हम किसी से उम्मीद इतनी,
कि ना-उम्मीदी का सामना करना पड़े !
दो ही हाथ काफी है हमारे अपने...
वक़्त से जब-जब हमें य़ू लड़ना पड़े !!
वक़्त पर क्यों करे गर हम एतबार
क्या वही सुख की आयु है बढाता !
वक़्त ही सब कुछ क्या समय क़े साथ
जो हमारे दुःख की उमर है घटाता !!
वक़्त कभी भी होता नहीं बुरा
उसे बुरा वक़्त हम ख़ुद बनाते है !
अपने ही गलती को छुपाते हुए
अपने-आप को ही य़ू बहलाते है !!
वक़्त नहीं है कभी किसी से ऐसे कतराता !
किसी को आता देख,राह नहीं छोड़ जाता !!
वक़्त पर क्यों कर रहे तुम इतना एतबार !
क्या पता कल ये करने लगे हमसे ही प्यार !!
अच्छी रचना
ReplyDeleteयह भी ठीक ही है कि वक्त को हम ही अच्छा या खराब बनाते हैं
आपका ब्लॉग अच्छा लगा..फॉलो भी कर लिया है...
आप भी जरूर आइए....
http://veenakesur.blogspot.com/
शुभागमन...
ReplyDelete'नये ब्लाग लेखकों के लिये उपयोगी सुझाव' लेख नीचे प्रस्तुत लिंक के द्वारा नजरिया ब्लाग में अवश्य देखें । धन्यवाद सहित...
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बहुत ख़ूब लाजवाब
ReplyDeleteइस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
ReplyDelete" भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" की तरफ से आप को तथा आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामना. यहाँ भी आयें, यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो फालोवर अवश्य बने .साथ ही अपने सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ . हमारा पता है ... www.upkhabar.in
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