जब भी डालनी चाही आदत,
किसी अच्छी नई आदत की !
बार-बार रास्ता रोका
उन्ही पुरानी आदतों ने !
घबराकर सोचा,
कितना बदनसीब हूँ मै
खिलौना बन गया हूँ,
मै अपनी आदतों का !
नहीं कर पाया
एक अच्छी आदत का
बीजारोपण !
किन्तु, सोचना ऐसा
थी केवल मेरी एक भूल !
वो आदतें, जो हो गई
आज इतनी मजबूत
जड़ें नहीं जमाई उन्होंने
केवल एक ही दिन में !
उन्होंने भी कभी,
संघर्ष किया होगा जमकर
तब जाकर हो पाई वो
आज इतनी प्रबल !
राह ताक रही आज
वैसे ही संघर्ष की
ये बेचारी नई आदत !
जमायेंगी अपनी जड़ें ये भी
कर के पुरानी आदतों से
एक लंबी बगावत !!
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