फिर भी कहता चला जाता है !
बात बने या ना बने ,
कोशिश कर बनाता चला जाता है !!
बनने को तो सभी,
कवि बन जाते है !
लेकिन ,
रवि तो दूर ; किरण तक
भी नहीं पहुच पाते है !!
नई धारा चलाने की
उनकी चाह है निराली !
भारत की है चाय
और, इग्लैंड की प्याली !!
वे तो करते है महज
इतने ही काम !
कुछ कोरे पन्नो पर
लिख जाते है ; बस
अपने ही नाम !!
अच्छी बात...सार्थक !
ReplyDeleteकोसिस तो हो ....शायत बात बन जाए /
ReplyDeleteTruly said.....!!
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