संगमरमरी बाहे उसकी
तन फूलो की ड़ाल !
नैन उसके जादू भरे
मुख चाँदी की थाल !
कुंदन जैसे ओंठ रसिले
रेशम जैसे बाल !
चंदा-सूरज छुप जाय
देख क़े गोरे गाल !
उसके दर्प की माया से
आँखे है लालो-लाल !
बहती नदिया को शर्माए
मस्त पवन की चाल !
सुंदर सुंदर गीत मिलन क़े
मधुर -मधुर सुरताल !
वसंत पग पग नाचे
मौसम खेले हाल !
वह मेरे ज्ञान की देवी
मै उसका महिपाल !
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