कजरारे नैनो की झील में तैरने का...
काली-घटाओ से बालो में उलझने का....
बढते जाना है वीरानों को पार करते हुए....
मंजिल मिलने में कोई मतभेद नहीं !!
कर्म तो करते चले जाना है जरुरी....
फिसल जाऊ तो भी कोई खेद नहीं...!!
यही वक़्त है जीवन में कुछ करने का...
खो दिया इसे तो, कल को पड़ेगा पछताना !
जीवन क़े इन अमूल्य समय का दुरुपयोग...
बना जायेगा मुझे गुजरे वक़्त का अफसाना !!
वाह!
ReplyDeletejai ho bade bhai ki //
ReplyDeleteसमय नहीं है मेरे पास....?
ReplyDeleteWoh...what a thought !!
जीवन में कुछ करने का यही वक़्त है...
ReplyDeleteकोई खेद नहीं फिसल जाऊ तो भी..!!
वाह....!!
बहुत सुंदर...!
ReplyDeleteVery touchy & speechless
ReplyDeleteWoh...what a thought !!
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