जिन पत्थरो में मैंने खोजे थे कभी देवता,
उन्ही पत्थरो ने किया आज लहूलुहान मुझे...!!
जिन महलों पर राज किये बरसो बड़े शान से,
उन्ही महलों ने बना दिया आज दरबान मुझे !!
उन्ही निगाहों ने कर दिया अब शर्मवान मुझे !!
जिंदगी क़े बरसो वर्ष कर दिए कुर्बान जिन पर,
उन औलादों ने आज बना दिया कूड़ादान मुझे !!
जिन अकेली राहों पर चलता जा रहा हूँ अकेला,
वही राहे कर रही है मजबूत और बलवान मुझे !!
न कभी घबराया और न कभी घबराऊंगा,
विश्वास है केवल वक़्त बनाएगा कर्मवान मुझे !!
वास्तविकता का अनुपम वर्णन हैं
ReplyDeleteजिंदगी क़े बरसो वर्ष कर दिए कुर्बान जिन पर,
उन औलादों ने आज बना दिया कूड़ादान मुझे !!