Saturday, January 15, 2011

ये लोग ......?




इंसानों की बस्ती में इंसानों से डर लगता है...

न जाने कैसे गिरगिट-सा रंग बदलने लगे है लोग ...!

ज़माने की चाल का अब ना रहा कोई ठिकाना...
अब तो अपने आप से घबराने लगे  है लोग ...!

जब भी कहते है, घुमा-फिर कर ही कहते है....

न जाने सीधी बात कहने से क्यों डरने लगे  है लोग ...!

ठिकाना तो बना क़े रखा है अपनों क़े दिल में....

न जाने क्यों झुक कर देखना भूलने लगे  है लोग....!

भगवान पर एहसान जताने लगे है अब... 

इमान - धरम भी अब दुकान से लेने लगे है लोग ..!

आज क़े माहौल से इतना भयभीत हो गया इंसान..

अपना चेहरा भी दिखाने से अब डरने लगे है लोग....!

3 comments:

  1. सही है भाई /
    लोग घुमा फिर कर ही बाते करते है

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  2. सुंदर विचार ....!
    १००% सत्य !!

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  3. ये लोग ......?
    घुमा फिर कर ही बाते करते है....
    Well said.

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